
आज दो साल हो गए आपको miss करते हुए..
मेरे सामने की मेज़ पर आपकी यह फ़ोटो हर समय रहती है
तो लगता है आप पास ही हो।
फ़ोन पर तो बात नहीं हो पाती पर अब तस्वीर से ही बातें कर लेती हूँ
तो लगता है आप पास ही हो।
आपको पुरानी विडीओज़ में आपको जीवंत देख लेती हूँ
तो लगता है आप पास ही हो।
ढेरों कॉफ़ी table बुक्स जो बनवाती रही हूँ, उनमें आपको देख लेती हूँ
तो लगता है आप पास ही हो।
हर त्यौहार मौक़े पर आपकी बातें याद करती हूँ
तो लगता है आप पास ही हो।
आपके अक्सर बोले जाने वाले मुहावरे दोहराती हूँ
तो लगता है आप पास ही हो।
आपसे सीखा खाना-पकवान बनाती हूँ
तो लगता है आप पास ही हो।
पर असलियत तो यह है ना – कि आप पास नहीं हो।
आपकी सुंदर साड़ियों में आपकी प्यारी छवि बहुत याद आती है, मेरी हर साल की April fool tricks और मेरी बहुत सी और अजीब बातों पर आपकी हैरानी बहुत याद आती है, फिर पड़ने वाली आपकी प्यार भरी डाँट बहुत याद आती है, आपकी जीने की ललक बहुत याद आती है, आपकी हर नयी चीज़ करने कि चाहत बहुत याद आती है।
यह बात बहुत ही खलती है कि मेरी बातों का अब कोई जवाब नहीं मिलता।
कहाँ चले गए आप और इतनी जल्दी क्यों?
पच्चीस साल की थी जब आपके पास आयी थी। इतने ही सालों से कुछ ज़्यादा उम्र आप के साथ बिताने का मौक़ा तो मिला पर यह काफ़ी नहीं था। क्या है यार मम्मा …अभी हमें इतना कुछ साथ में करना था।
Your not being around is simply not acceptable- Come Back!